Chumbakiya jal ke labh aur banane ki vidhi

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Chumbakiya jal ke labh aur banane ki vidhi  | चुम्बकीय जल के लाभ एवं बनाने की विधि 

यहाँ हम चुम्बकीय जल के लाभ और बनाने की विधि | Chumbakiya jal ke labh aur banane ki vidhi के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे , ताकि लोग इसका समुचित लाभ ले सकें |

म्बकीय जल के लाभ एवं बनाने की विधि(Chumbakiya jal ke labh aur banane ki vidhi)

1. चुंबकीय पानी क्या है| Chumbakiya pani kya hain?

चुम्बकीय पानी का उपयोग रोगों के उपचार में किया जाता हैं| जब साफ़ पानी को चुम्बक से प्रभावित किया जाता हैं , तब उस पानी को हम चुंबकीय प्रभावित पानी कहते हैं |इस पानी का प्रयोग आज कल शरीर के कई रोगों को दूर करने में किया जाता हैं| इसका रोग गंभीर बीमारी जैसे पेट की बीमारी, कैंसर में भी किया जाता हैं| वैज्ञानिक  तौर पर यह देखा गया हैं की ९० दिनों तक नियमित तौर पर चुम्बकीय पानी का प्रयोग करने से शरीर में काफी  लाभजनक परिवर्तन होता हैं |

2. चुंबकीय पानी कैसे बनता है| (Chumbakiya Jal kaise Banta Hain)?

  • चुम्बकीय पानी तैयार करने की विधि बहुत ही आसान हैं | सबसे पहले एक बर्तन में साफ़ पानी लिया जाता हैं | उसके बाद उस पानी के बर्तन में एक चुम्बक धागे से बाँध कर डाल दिया जाता हैं | चुम्बक को पानी के अंदर करीब एक घंटे तक रखा जाता हैं , कुछ समय बाद यह पानी चुंबकीय प्रभावित पानी बन जाता हैं  | चुम्बक का आकर कम से कम इतना होना चाहिए की चुम्बक १०० ग्राम वजन को उठा लें |

चुम्बकीय पानी बनाने की एक दूसरी आसान विधि कुछ इस प्रकार हैं | एक लोटे के आकर के पत्र में साफ़ पानी ले लें | पत्र के निचे दो छिद्र कर दें | एक यु  आकर का चुम्बक ले लें और उसे एक बड़े पत्र में कुछ इस प्रकार रखें की ऊपर से पानी चुम्बक के दोनों सिरे पर गिरे | इस प्रकार चुम्बकीय पानी निचे वाले पत्र में एकत्रित हो जायेगा |

एक कॉपर का पाइप लें | उस पाइप के  बीच में दोनों तरफ चुम्बक चिपका दें | अब उस कॉपर के पाइप में पानी की सप्लाई धीरे धीरे करें और दूसरी तरफ कॉपर पाइप के जल को एक बड़े पात्र में इकट्ठा कर लें | इस प्रकार चुम्बकीय पानी बन जाता हैं |
  • 3. चुंबकीय पानी के लाभ (Chumbakiya jal ke labh):

  • शरीर का संतुलन सुधार: चुम्बकीय पानी का सेवन करने से शारीरिक और मानशिक संतुलन सही रहता हैं |


  • रक्त संचार में सुधार: चुम्बकीय पानी का सेवन करने से शरीर में रक्त संचार सही रहता हैं | रक्त संचार सही रहने से  हृदय सम्बन्धी समस्या में  चुम्बकीय पानी से काफी सुधार होता हैं |


  • ऊर्जा स्तर में वृद्धि: चुम्बकीय पानी का प्रयोग करने से शरीर चुस्त और फुर्तीला रहता हैं | इस पानी के प्रयोग से शरीर की प्रतिरोधक छमता में वृद्धि होती हैं | जिसके कारन व्यकित स्वस्थ्य रहता हैं |

  • नींद में सुधार: चुम्बकीय पानी का प्रयोग अनिद्रा की बीमारी को दूर करता हैं | इसके प्रयोग से दिमाग में रक्त प्रवाह सही तरीके से होता हैं , फलस्वरूप नींद  अच्छे तरीके से आती हैं | 


  • शारीरिक दर्द कम करने में सहायक: यदि किसी व्यकित के शरीर के किसी अंग में दर्द हैं और काफी दवा का प्रयोग करने से भी दर्द सही नहीं हो रहा हैं तो चुम्बकीय पानी का प्रयोग से मांशपेशी और जोड़ों के दर्द को सही किया जाता हैं |

कब्ज की समस्या सही हो जाती हैं |

सनायु तंत्र सही हो जाता हैं |

मासिक धर्म सम्बन्धी विकार सही हो जाते हैं |

डाइबिटीज़ के स्टार मैं सुधार हो जाता हैं |

गुर्दे और पेशाब सम्बन्धी समस्या सही हो जाती हैं |


चुम्बकीय पानी के सम्बन्ध में रसर्च  क्या कहता हैं | : 

चुम्बकीय जल के सम्बन्ध मैं वैज्ञानिको ने काफी रिसर्च किया और यह पाया की चुंबकीय प्रभाव से जल कठोर से हल्का हो जाता हैं जिसके कारन शरीर की कई समस्या समाप्त हो जाती हैं | जैसे पेट मैं कब्ज , पेट का भरी पैन , पेट सुबह साफ़ नहीं होना , पेट में पथरी , डाइबिटीज़ आदि |

चुम्बकीय पानी के प्रयोग से एक गंदे जल को साफ़ पिने योग्य पानी में परिवर्तिति किया जा सकता हैं | इसके साथ ही यह भी देखा गया की  ९० दिनों तक यदि कोई व्यक्ति चुम्बकीय जल का प्रयोग करता हैं तो उसके शरीर की कई बीमारिया सही हो जाती हैं एवं उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ जाती हैं |


चुंबकीय पानी बनाते समय सावधानिया : 

आयुर्वेदा के अनुसार पानी व्यक्ति के शरीर में बहुत ही मुलभुत परिवर्तन करता हैं | पानी वही स्वस्थ्य के लिए लाभदायक होता हैं जो आधार पर जयादा वायस में रखा जाता हैं | इसलिए लोटे में पानी पीना स्वास्थ्यकर होता हैं |

गिलास में पानी पीना कभी भी लाभदायक नहीं होता हैं | गिलास पश्चिम की दें हैं | गिलास में पानी पीने से बबासीर की समस्या होती हैं , जबकि लोटे में पानी पीने से ऐसी समस्या नहीं होती हैं |

इसलिए जब भी चुम्बकीय पानी बनाये तो जो भी बर्तन हो उसका निचे का व्यास लोटे की तरह हो या फिर लोटे का ही प्रयोग किया जाय तो यह बेहतर हैं |


चुम्बकीय पानी का प्रयोग किस प्रकार करें | Chumbakiya pani ka prayog kis prakar karen.

चुम्बकीय पानी का प्रयोग विभिन्न रोग में अलग प्रकार से किया जाता हैं |

पेट में कब्ज होने पर चुम्बकीय पानी को रात के समय खाना खाने के बाद सोते समय प्रयोग करना चाहिए | यदि कब्ज की समस्या पुरानी हैं तो त्रिफला के साथ सेवन करने पर परिणाम तुरंत प्राप्त होता हैं |

कैंसर  के रोगी को चुम्बकीय पानी का प्रयोग भोर में ३ बजे करना चाहिए | चुम्बकीय पानी में नीबू  का रास निचोड़ कर इसका सेवन करें |  नीबू के रास और पानी को सुबह , दोपहर और रात में लें | चीनी का प्रयोग कैंसर के रोगी को बिलकुल भी नहीं करना चाहिए | ९० दिन में आप के कैंसर की कोशिका काम होने लगेगी और धीरे धीरे आप सही हो जायेंगे | 

FAQ:


  • Chumbakiya Jal Ke Labh kya hote hain ?
Ans : चुम्बकीय जल के लाभ कई सरे हैं | वर्तमान में इसका प्रयोग पेट , अल्सर और कैंसर जैसे गंभीर बिमारियों के उपचार में किया जाता हैं | शरीर के किसी अंग के दर्द को दूर करने में चुम्बकीय जल बहुत लाभकारी हैं |

  • Chumbakiya jal kya koi samanya aadami bana sakta hain ?
Ans : चुम्बकीय जल को कोई भी सामान्य आदमी बना सकता हैं | इसको बनाने की विधि ऊपर दी गई हैं |

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